राष्ट्रीय पहल संवाददाता
गुरुग्राम। सामाजिक संस्था राष्ट्रीय जाट एकता मंच द्वारा सैक्टर 12
क्षेत्र में महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस मनाया गया, जिसमें संस्था से
जुड़े पदाधिकारी व सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए और उनके चित्र पर
पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया। संस्था के अध्यक्ष कुलदीप जांघू ने
कहा कि बलिदान का दूसरा नाम महाराजा सूरजमल है। हिदू धर्म रक्षक के नाम
से उन्हें विशेष रुप से पहचाना जाता है। उन्होंने वर्ष 1733 में भरतपुर
की स्थापना की थी और बाद में अपनी रियासत का विस्तार दिल्ली, आगरा, मेरठ,
बुलंदशहर तक किया था। उन्होंने दिल्ली सल्तनत से सीधी टक्कर ली थी।
उन्होंने कहा कि जब भी राजा-महाराजाओं का जिक्र होता है तो सबसे पहले
महाराजा सूरजमल का नाम आगे आता है। सबके हितों की रक्षा करने व उनके
परोपकार की बात केवल महाराजा सूरजमल करते थे। उन्होंने दुश्मनों को भी
हराने के बाद मानवता के आधार पर दया याचना में कोई कसर नहीं छोड़ी।
महाराजा सूरजमल को श्रदांजलि देने वालों में संस्था के रणबीर चहल,
जोगिंदर राज्यान, कुलदीप जून, जसबीर दलाल, रामबीर, जोगिंदर खरमान, राकेश
धनखड़, विनोद यादव, नरेश मोर, विनय मलिक, नवीन दलाल, राजकुमार आदि शामिल
थे।
राष्ट्रीय जाट एकता मंच ने मनाया महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस