नयी दिल्ली 29 जनवरी (वार्ता)। ब्राजील की मदद से देश में लो कार्बन वाले एथनाल का निर्माण किया जायेगा जिससे किसानों को लाभ होने के साथ ही पर्यावरण सुरक्षा में मदद मिलेगी।
यातायात के साधनों के इंधन में कम मात्रा वाले लो कार्बन वाले एथनाल के मिलाने से वायु प्रदूषण में कमी होने के साथ ही कार्बन डाय ऑक्साइड और ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम होगा । इससे इंधन का एक वैकल्पिक विकल्प भी उपलब्ध होगा और कच्चे तेल के आयात पर भारी मात्रा में खर्च होने वाले विदेशी मुद्रा की बचत होगी । इसके साथ ही अधिक गन्ना की पैदावार से जरुरत से अधिक चीनी के निर्माण और उसकी खपत की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी ।
देश के अलग अलग राज्यों में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होने भारत में सबसे बड़े एथनाल उत्पादक बनने की क्षमता है । देश में 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत और 2030 तक 20 प्रतिशत एथनाल मिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये ब्राजील अपना ज्ञान , अनुभव , विशेषज्ञता , नवाचार और प्रौद्योगिकी उपलब्ध करायेगा जिससे एथनाल का उत्पादन बढ़ सकेगा । इससे न केवल वैकल्पिक ऊर्जा मिलेगी बल्कि व्यापक पैमाने पर उत्पादन से लोगों को रोजगार भी मिलेगा तथा आय बढेगी ।
ब्राजील शुगरकेन इंडस्ट्री एसोसिएशन (यूनिका) के अनुसार केन्द्र सरकार ऊर्जा सुरक्षा के लिये जैविक इंधन के उत्पादन की इच्छुक है जो सही दिशा में उठाया गया कदम है । एथनाल कार्यक्रम को मजबूत किये जाने से अर्थव्यवस्था के साथ ही पर्यावरण को लाभ होगा तथा प्रदूषण की समस्या में कमी आयेगी । यूनिका के कार्यपालक निदेशक इडुआर्डो लीयो डी सूसा के अनुसार ब्राजील को एथनाल के मामले में चालीस साल का अनुभव है जिससे निश्चित रुप से भारत को फायदा होगा और पर्यावरण की दिशा में बेहतर काम होगा जिससे बेहतर भविष्य बन सकेगा ।
ब्राजील और अमेरिका दुनिया में 70 प्रतिशत एथनाल का उत्पादन करते हैं । ब्राजील में वर्ष 2018..19 में 62.1 करोड़ टन गन्ना की पैदावार हुयी थी जिससे 33 अरब लीटर एथनाल का उत्पादन हुआ था । इससे 27 प्रतिशत एथनाल का गैसोलीन में मिलावट किया गया था जिससे शुद्ध पेट्रोल की तुलना में प्रति किलोमीटर वाहन चलाने पर 20 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी आयी थी ।
भारत और ब्राजील नें 25 जनवरी को जैविक इंधन को बढावा देने के लिये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं । ब्राजील के राष्ट्रपति जायस बोल्सोनारो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये थे । ब्राजील के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे । इससे दोनों देशों के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान हो सकेगा तथा एथनाल के उत्पादन के साथ ही जैविक इंधन की सतत उपलब्धता होगी । इससे निवेश को बढावा मिलेगा तथा बायोगैस और बायोइलेक्ट्रिसिटी को लेकर नयी नीतियां और कार्यक्रम बनाये जा सकेंगे ।
देश में करीब 34 करोड़ टन गन्ना का उत्पादन होता है । उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, हरियाणा एवं पंजाब में मुख्य रुप से गन्ना कार उत्पादन किया जाता हैं। उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन सबसे अधिक है, उसके बाद महाराष्ट्र का स्थान है। उत्पादकता की दृष्टि से तमिलनाडु 100 टन से अधिक प्रति हैक्टेयर के साथ प्रथम स्थान पर है। उसके बाद कर्नाटक एवं महाराष्ट्र का स्थान है। बिहार प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के बीच निम्नतम उत्पादकता वाला राज्य है।
यूनिका ब्राजील का प्रमुख गन्ना उद्योग का प्रमुख संघ है जो करीब 50 प्रतिशत गन्ना उत्पाद और प्रसंस्करण का काम करता है । इसकी सदस्य कम्पनियां चीनी , एथनाल और गैर परम्परागत ऊर्जा की उत्पादक हैं ।
ब्राजील की मदद से देश में बढेगा एथनाल का उत्पादन