एएमयू में पढ़ाई ठप: कुलपति ने उठाया विश्वविद्यालय खुले होने के औचित्य पर सवाल


अलीगढ़। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन की वजह से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सभी शैक्षणिक गतिविधियां ठप हो गई हैं। कुलपति तारिक मंसूर ने बुधवार को एएमयू के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को पत्र लिख कर ऐसे हालात में विश्वविद्यालय के खुले होने के औचित्य पर सवाल किए हैं। एएमयू के जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों द्वारा रास्ता बंद किए जाने की वजह से लगातार तीसरे दिन परीक्षाएं नहीं हो सकीं। छात्रों के विभिन्न संगठन गत 15 दिसंबर को एएमयू परिसर में हुए प्रदर्शन के मामले में छात्रों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 


कुलपति तारिक मंसूर ने एएमयू बिरादरी को लिखे खुले पत्र में कहा है कि अगर कक्षा में पढ़ाई और इम्तिहान को इसी तरह रोका जाएगा तो विश्वविद्यालय को खुला रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने छात्रों से कहा,‘‘ वह कक्षाओं और परीक्षाओं का बहिष्कार खत्म करने और परिसर में शांति कायम रखने की  आखिरी अपील  कर रहे हैं। हमने परीक्षाओं का कार्यक्रम बदल दिया लेकिन कुछ भ्रमित लोग, जिनमें बाहरी तत्व भी शामिल हैं, वे छात्रों को इम्तिहान देने से रोक रहे हैं।’’


कुलपति ने पत्र में कहा कि अगर किसी को कोई शिकायत या समस्या है तो वह यूनिवर्सिटी के विजिटर यानी देश के राष्ट्रपति से अपनी बात कह सकते हैं। इस बीच, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने एएमयू कुलपति के साथ बुधवार को बैठक करके परिसर के हालात की समीक्षा की। उसके बाद विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद किए जाने से रोकने के विभिन्न विकल्पों पर विचार विमर्श हुआ।
इसके पूर्व, बिहार में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र शरजील इमाम पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने के विरोध में मंगलवार रात छात्रों का एक समूह विश्वविद्यालय की कैंटीन में इकट्ठा हुआ। एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवाई ने कहा कि वह छात्रों के इस प्रदर्शन का विरोध करते हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।