नयी दिल्ली, 20 जनवरी (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कानून में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से सोमवार को जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कोझिकोड के संगठन ‘सॉलिडरिटी यूथ मूवमेंट’ के सचिव उमर एम. की याचिका की सुनवाई पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष पॉल की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने केंद्र से जवाब तलब किया।
श्री पॉल ने दलील दी कि एनआईए संशोधन कानून से केंद्र और राज्यों के बीच सहकारी संघवाद का सिद्धांत प्रभावित होता है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने भी एनआईए के मौजूदा प्रारूप की संवैधानिक वैधता को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई अभी होनी है।
पिछले वर्ष संसद के मानसून सत्र में एनआईए संशोधन विधेयक पारित किया गया था।
एनआईए संशोधन कानून के खिलाफ याचिका पर केंद्र से जवाब तलब