गांधी के बताये मार्ग पर चल कर ही दुनिया कर सकती है विकास: निशंक

नयी दिल्ली, 04 जनवरी (वार्ता) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोरखरियाल 'निशंक' ने मौजूदा समय में पूरे विश्व को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जरूरत बताते हुए कहा है कि आतंकवाद जैसे समस्याओं से जूझ रही दुनिया सिर्फ राष्ट्रपिता के दिखाये मार्ग पर चल कर ही विकास कर सकती है।
श्री निशंक ने शनिवार को राजधानी के प्रगति मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा आयोजित 28 वें विश्व पुस्तक मेले के उद्घाटन के मौके पर कही। गौरतलब है कि इस बार के पुस्तक मेले की थीम 'महात्मा गांधी: लेखकों के लेखक' है। बारह जनवरी तक चलने वाले पुस्तक मेले में साबरमती आश्रम के तर्ज पर तैयार किये गये मंडपों में गांधी द्वारा और गांधी पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में लिखी गयी 500 पुस्तकों की प्रदर्शनी लगायी गयी है।
उन्होंने कहा, “दुनिया को गांधी की जरूरत है। व्यक्ति ही नहीं समाज को, समाज ही नहीं राष्ट्र को, राष्ट्र ही नहीं पूरी दुनिया को इस समय गांधी की जरूरत है। इस समय दुनियाभर में आतंकवाद की घटनाएं घट रही है, लोग आपसी सामंजस्य को आहत करके व्यक्तिगत स्वार्थ की धुरी पर खड़े हो रहे हैं और सौहार्द के वातावरण के लिए चुनौती खड़ी हो गयी हैं, ऐसे समय में महात्मा गांधी की पूरी दुनिया को जरूरत है।”
उन्होंने कहा,“ व्यक्ति के पास सत्य, अहिंसा और प्रेम तीन ही चीजे हैं और जिस व्यक्ति के पास,जिस समाज के पास, जिस राष्ट्र के पास न प्रेम है, न उसमें सच्चाई के पर पथ खड़ा होने की हिम्मत है, न समर्पण है तथा न प्यार है, तो वह इंसान, वह राष्ट्र जीवित होते हुए भी पत्थर के समान है। इन तीनों चीजों के बिना भी किसी समाज और राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती है।”
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि मेला मिलन को कहते हैं और मिलन से सृजन होता है और उन्हें विश्वास है कि यह पुस्तक मेला एक नयी खोज और नये विचार को उत्पन्न करेगा। उन्होंने कहा कि युवा इस पुस्तक मेले का लाभ जरूर उठाएंगे तथा विचारवान बनेंगे।
इस बार मेले में देशभर के छह सौ से अधिक प्रकाशकों ने लगभग 1300 स्टॉल लगाये हैं, जिसमें बंगला, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, मैथिली, मलयायम, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू तथा उर्दू की पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है।
उद्घाटन समारोह का शुभारंभ राष्ट्रीय बाल भवन के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किये गये स्वागत गीत के साथ हुआ। इस मौके पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा ने पुस्तक मेला का आयोजन करने के उद्देश्यों तथा पुस्तकों की महत्ता पर प्रकाश डाला।
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,वर्धा के पूर्व कुलपति एवं प्रख्यात गांधीवादी विचारक प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी के पास सच्चाई थी और इसी वजह से वह कहते थे कि उनकी जिंदगी खुली किताब है। उन्होंने कहा,“ जिसके पास सच्चाई होगी वह कह सकता है कि उसकी जिंदगी खुली किताब है, तुम्हें जब मन करे, जैसे मन कर पढ़ लो।”
इस कार्यक्रम के आखिर में राष्ट्रीय बाल भवन के बच्चों ने 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तां हमारा' प्रस्तुत करके इस कार्यक्रम में उपस्थित देशी और विदेशी मेहमानों का दिल जीत लिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भी हिस्सा लिया।