नयी दिल्ली, 31 जनवरी (वार्ता)। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर पूर्वांचल के लोगों का अपमान किया है कि वे रेलगाड़ी में 500 रुपए का टिकट लेकर बिहार से दिल्ली आकर यहां बोझ बन रहे हैं और उनके इस बयान का करारा जवाब उन्हें आठ फरवरी काे मिल जाएगा।
श्री तिवारी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के बाद संसद परिसर में शुक्रवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि श्री केजरीवाल शरजील इमाम और अमानतुल्लाह और टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े हैं और शाहीन बाग का समर्थन कर रहे हैं। हार की बौखलाहट उनमें साफ तौर पर दिख रही है। आठ फरवरी को उनके राजनीतिक जीवन का अंत होने वाला है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में श्री केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो रहा है और वह स्वयं नयी दिल्ली सीट से हार रहे हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि पूर्वांचल के लोग कभी किसी पर बोझ नहीं बनते बल्कि वे बोझ उठाते हैं और हमने तो पांच वर्ष तक श्री केजरीवाल का बोझ उठाया है। अब उनका पत्ता साफ कर दिया जाएगा। उनकी पार्टी के नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के श्री केजरीवाल को आतंकवादी करार दिये जाने संबंधी बयान की तरफ ध्यान दिलाए जाने पर श्री तिवारी ने कहा,“ उनको कौन आतंकवादी कह सकता है वह तो खुद ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आतंकवादी कह चुके हैं। उन्होंने कई बार श्री मोदी को आतंकवादी करार दिया है। हमें श्री केजरीवाल को आतंकवादी कहकर मरना है क्या, वह हमें गोली मरवा देंगे।”
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग संसद में प्रतिनिधित्व करते हैं और आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जिस तरह नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के पक्ष में समर्थन की जोरदार आवाज आई, वह बताती है कि पूरा देश इसके पक्ष में है और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का भी यही सपना था कि विभाजन के बाद अगर पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक भारत आते हैं तो उन्हें शरण दी जाए और केन्द्र की नरेन्द्र माेदी सरकार ने भी सीएए के जरिए उनके सपने को पूरा किया है। अगर किसी के इस कानून को लेकर किसी के हाथ पांव फूल रहे हैं तो ये वहीं लोग है तो बौद्ध, जैन, सिखों और पारसियों पर अत्याचार के पक्ष मेें हैं। अभिभाषण के दौरान जिन विपक्षी सांसदों ने नारे लगाए, उन पर शर्म आती है।
केजरीवाल को आठ फरवरी को मिलेगा जवाब, होगा राजनीतिक अंत: मनोज तिवारी