कोराेना वायरस से चीन में 361 लोगों की मौत

नयी दिल्ली, 03 फरवरी (वार्ता)। चीन के वुहान शहर में नये कोरोना वायरस का पता दिसंबर माह के अंत में चल गया था और इस विषाणु से वहां 361 लोगों की मौत हो गई है तथा 17 हजार से अधिक लोग पूरे विश्व में संक्रमित हैं।
चीन से बाहर कोरोना वायरस के प्रभाव से पहली मौत फिलीपींस में रविवार को हुई थी और अब तक यह 20 से अधिक देशों में फैल चुका है। भारत में भी अब तक इसके तीन मामले सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने विश्व में कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आने के बाद कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है। चीन के बाहर थाईलैंड, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल में इस बीमारी से संक्रमित लोगों की पुष्टि हो चुकी है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसे लक्षण सामने आते हैं। यह वायरस संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इन्हीं कारणों से इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। इस विषाणु का पता चीन के वुहान शहर में दिसंबर के अंत में चला था।
चीन में इसी तरह की एक बीमारी सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (सार्स) ऐसा ही खतरा बना था और 2002 में सार्स की वजह से विश्व में 700 से अधिक लोग मारे गए थे। पूरी दुनिया में हजारों लोग इससे संक्रमित हुए थे, इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा के मुताबिक कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिये देश के सीमावर्ती इलाकों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
श्री महापात्रा ने कहा कि कोरोना विषाणु घातक और खतरनाक है। यह बीमारी जानवर से मनुष्य में फैलती है। उन्होंने कहा कि चीन में जंगली जानवर से यह बीमारी मनुष्य में फैली है। चीन से लाये गये लोगों को एहतियातन अलग-थलग रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें जंगली जानवरों से बचना होगा। जानवरों के मांस खाने से भी यह बीमारी फैल सकती है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिये देश में पर्याप्त उपाय किये जा रहे हैं। पहले भी देश में बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू का प्रकोप हुआ था और उससे बेहतर तरीके से निपटा गया था।
डॉ महापात्रा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर चीन से जो सूचनायें आयेगी उससे लोगों को सीख मिलेगी तथा उसके आधार पर अनुसंधान किया जा सकेगा। इस संबंध में देश में शोध की जरूरत है और उस पर चर्चा की जा रही है।
केरल में नोवल कोरोना वायरस के तीसरे मामले की पुष्टि होने के बीच कैबिनेट सचिव ने आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और लोगों को चीन की यात्रा पर न जाने की सलाह दी।
बैठक में कैबिनेट सचिव ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विदेश, गृह, नागरिक उडय्यन मंत्रालय के सचिवों के साथ- साथ स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और भारत तिब्बत सीमा पुलिस, सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के साथ वायरस से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। कोरोना वायरस को लेकर अब तक छह बैठकें हो चुकी हैं।
सरकार ने वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर नया यात्रा परामर्श जारी कर लोगों को चीन न जाने की सलाह दी है। परामर्श में कहा गया है कि चीन से लौट कर आने वाले यात्रियों को निर्धारित अवधि तक विशेष शिविरों में रहना पड़ेगा। इसके अलावा 15 जनवरी के बाद बाद चीन से देश में आने वाले हर व्यक्ति को भी इन कैंपों में भेजा जा सकता है।
विभिन्न हवाई अड्डों पर पहुंची 445 उडानों के 58 हजार 658 यात्रियों की अब तक जांच की जा चुकी है। इनमें से 142 लोगों को जांच के लिए अलग जगह पर भेजा गया है। इनमें से 130 नमूनों की जांच में से 128 में वायरस की मौजूदगी नहीं है। केरल में कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रस्त लोगों का उपचार किया जा रहा है और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
वुहान से लाये गये 330 यात्रियों को आईटीबीपी के छावला स्थित कैंप में रखा गया है। इनमें मालदीव के सात नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा 30 यात्रियों को मानेसर में भी रखा गया हैं।