सीएए के खिलाफ हिंसक विराेध के सामने नहीं झुके सरकार:बीएमएस

नयी दिल्ली 03 फरवरी (वार्ता)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने सोमवार को कहा कि सरकार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों के सामने नहीं झुकना चाहिए।
बीएमएम ने राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि सीएए के लेकर समाज दो भागों में बंट गया है। एक तरफ राष्ट्रवादी विचार के लोग है और दूसरी तरफ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्र की एकता के खिलाफ लगे संगठन हैं।
श्रमिक संगठन ने कहा है कि समाज और मजदूरों में अधिकांश लोग नागरिकता क़ानून के समर्थन है। महज एक छोटा सा हिस्सा है जो तुष्टिकरण की राजनीति के प्रभाव में आकर इसका हिंसक विरोध कर रहा है। देश में बार-बार हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन और अशांति का अर्थव्यवस्था, विकास, रोजगार सृजन और अन्य देशों के साथ व्यापार संबंधों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
बीएमएस ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान भारत में रहते हैं इसलिए सरकार को उन्हें समझाना चाहिए और उन्हें भरोसे में लेना चाहिए। मुसलमान इस देश के अभिन्न अंग हैं। कुछ राजनीतिक दल केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए मुसलमान समुदाय को भड़का रहे हैं।