युवाओं को प्रशिक्षण देने लिये बनाया जाय अन्तर्विभागीय समन्वय: योगी


लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रदेश में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिये अन्तर्विभागीय समन्वय बनाया जाए।
श्री योगी बुधवार को यहां अपने आवास पर राज्य सरकार के महत्वपूर्ण एजेण्डा बिन्दुओं के सम्बन्ध में आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं को प्रशिक्षण के साथ निर्धारित अवधि का रोजगार प्रदान करने के लिए “मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना” को लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के लगभग एक लाख युवाओं को उद्योगों व अधिष्ठानों में प्रशिक्षण देकर राेजगार प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से व्यापक पैमाने पर तैयारी की जाए। उन्होंने कहा कि लोगों का जीवन सुविधाजनक बनाने के लिये ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ एजेण्डे के तहत सभी विभाग कार्य करें।
कारोबार सुगमता यानी 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में राज्य की रैंकिंग में सुधार लाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बाधाओं को चिन्ह्ति कर उन्हें दूर किया जाए। ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ के सम्बन्ध में हर सप्ताह समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण हो। निवेश मित्र पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया के दौरान प्राप्त शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, सम्भल, संतकबीरनगर, शामली एवं श्रावस्ती में पी0पी0पी0 माॅडल के तहत जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेज बनाए जाने हैं। इसके लिए शीघ्र ही ठोस पाॅलिसी व रणनीति बनाते हुए ओपेन बिडिंग के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया के साथ चयन किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा के माध्यम से लोगों को अच्छी स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। आयुष्मान भारत-गोल्डेन कार्ड के वितरण में और तेजी लाते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य की स्वास्थ्य व पोषण से सम्बन्धित सभी सेवाओं को इन आरोग्य मेलों के तहत उपलब्ध कराया जाए।
श्री योगी ने कहा कि निर्यात के लिये राज्य में व्यापक सम्भावनाएं हैं। ओ0डी0ओ0पी0 के तहत आने वाले उत्पादों को निर्यात से जोड़ते हुए यह भी चिन्ह्ति किया जाए। जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनाते हुए उत्पादों की डिजाइन, क्वालिटी और पैकेजिंग पर भी फोकस किया जाए।