गर्भवती महिलाएं सार्वजनिक स्थान पर जाने से परहेज करें : डा. दीपा त्यागी


गर्भकाल के दौरान घट जाती है महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता


रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बढ़ जाता है संक्रमण का खतरा


 बदलते मौसम और कोराना वायरस के संक्रमण के चलते यूं तो सभी को सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए, लेकिन गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर इस बात का ध्यान रखना चाहिए। जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. दीपा त्यागी का कहना है कि आजकल गर्भवती महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर जाने से परहेज करें। इतना ही नहीं जिस घर में कोई महिला गर्भवती है, उस घर के अन्य सदस्य भी एहतियात बरतें और घर लौटने पर सबसे पहले साबुन और पानी से अच्छे से हाथ धोएं। तभी घर का कोई सामान छुएं। दरअसल गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है और ऐसे में उन्हें संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है।


आईएमए गाजियाबाद की सचिव और महिला रोग विशेषज्ञ डा. वाणीपुरी रावत का कहना है  आजकल आईवीएफ तकनीक अपनाने वाली महिलाओं को विशेष रूप से आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। दरअसल सामान्य तौर भी गर्भकाल के दौरान महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है लेकिन आईवीएफ तकनीक अपनाने वाली महिलाओं के लिए यह बात और ज्यादा जरूरी हो जाती है। उन्होंने कहा कोरोना संक्रमण को लेकर काफी हो हल्ला हो रहा है। इससे घबराने की कतई जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है। गर्भवती महिलाएं घर में ही रहें और अपने खानपान का ध्यान रखें। व्यक्तिगत साफ-सफाई पर ध्यान दें। 


सीएमएस डा. दीपा त्यागी का कहना है, गर्भवती महिलाएं गुड़ और चना खाएं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। विटामिन डी भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है। यह सर्दी-जुकाम से लड़ने में मददगार होता है। इसके अलावा हड्डियों के पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए कैल्शियम बहुत जरूरी है। इसलिए जरूरी है पालक को अपने भोजन में शामिल करें। प्रोटीन भी अच्छी प्रतिरोधक क्षमता के लिए जरूरी है। 


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