इससे पहले, मंगलवार को दिल्ली की एक कोर्ट में अपने नाबालिग होने को लेकर एक याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. उधर इन दोषियों ने अब ICJ का दरवाजा खटखटा दिया है. हालांकि वहां इस मामले की सुनवाई होगी इसकी संभावना कम है.
फांसी से बचने के लिए निर्भया के दो दोषियों (पवन और अक्षय) ने एक बार फिर से कानूनी दांव-पेंच का सहारा लिया है. पवन ने सुप्रीम कोर्ट में फिर से क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है. वहीं, अक्षय ने एक बार फिर जेल प्रशासन को दया याचिका दी है, जिसे राष्ट्रपति के पास भेजने की गुजारिश की गयी है. इसे गृह मंत्रालय के पास दिल्ली सरकार द्वारा भेजा जायेगा. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में पवन की क्यूरेटिव याचिका खारिज हो चुकी है.
दिल्ली की एक अदालत ने दोषी मुकेश सिंह की मौत की सजा को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने माना कि अपराध के वक्त मुकेश वहीं मौजूद था. एडीजे के समक्ष दायर इस याचिका में दावा किया गया था कि मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था और उसे 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था. साथ ही इसमें कहा गया था कि मुकेश 16 दिसंबर को शहर में मौजूद नहीं था, जब यह अपराध हुआ था.
दोषी मुकेश ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दाखिल कर फांसी की सजा टालने की मांग की है. मुकेश ने कहा है कि जेल में राम सिंह की मौत का गवाह है और उसकी हत्या की गयी थी. इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं हुई है, इसलिए पहले इसकी जांच तो, उसके बाद उसे सजा दी जाये. राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा कर आत्म हत्या की थी.
तीन बार टल चुकी है फांसी
निर्भया के दोषियों के लिए चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने तीन बार डेथ वारंट जारी किया था. पहली बार 22 जनवरी को, दूसरी बार 1 फरवरी और तीसरी बार 3 मार्च को. लेकिन तीनों बार निर्भया के दोषियों ने कानूनी हथकंडा अपनाकर फांसी को टालने में सफल रहे. गौरतलब है कि इससे पहले भी पवन जल्लाद को जनवरी माह में तिहाड़ जेल बुलाया गया था और उसने वहां फांसी देने का अभ्यास भी किया था, लेकिन उस वक्त फांसी टल गयी थी.