राजधानी समेत सभी मसलों का हल निकाल लिया जाएगा: त्रिवेन्द्र सिंह रावत


गैरसैंण। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि राजधानी समेत सभी मसलों का हल निकाल लिया जायेगा। भराङीसैण में आयोजित बजट सत्र के पहले दिन संवाददाताओं द्वारा स्थायी राजधानी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राजधानी सहित सभी मसलों का निराकरण कर लिया जायेगा। देहरादून को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का दर्जा हासिल नहीं है। गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी का दर्जा देने को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) और वामपंथी दलों द्वारा यहां विधानसभा भवन के बाहर किये गये प्रदर्शन के संबंध में रावत ने यह बात कही।




बजट सत्र की शुरूआत में हुए राज्यपाल के अभिभाषण के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार का नीति दस्तावेज होता है जिसमें हमारी सरकार ने क्या काम किए और आगे क्या करने जा रही है, इन सभी बातों का समावेश किया गया है। अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए रावत ने कहा कि सुशासन, निवेश, जल संरक्षण, पर्यटन, सम्पर्क,कृषि, सामाजिक कल्याण और महिला सशक्तिकरण आदि में काफी काम किया गया है। 


उन्होंने कहा, ‘‘निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनायी गयी हैं। सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 34 लाख लोगों को गोल्डन कार्ड दिये गये हैं। स्वास्थ्य उप केन्द्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में अपग्रेड कर रहे हैं। पर्वतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए ग्रोथ सेंटर बना रहे हैं। 83 ग्रोथ सेंटर के लिए धनराशि जारी की जा चुकी है।’’ रावत ने कहा कि भराङीसैण में मिनी सचिवालय के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विकास और सुशासन है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में कई प्रावधान किए गये हैं और कई नई मदें जोड़ी गई हैं। सामान्य और ओबीसी कर्मचारियों द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण के मुद्दे को लेकर की जा रही बेमियादी हड़ताल पर मुख्यमंत्री ने उनसे डयूटी पर वापस आने की अपील की और कहा कि हड़ताल किसी समस्या का हल नहीं है। उन्होंने कहा,‘‘प्रदेश की जनता के प्रति जितनी जिम्मेदारी सरकार की है, उतनी ही कर्मचारियों की भी है। कर्मचारी अनावश्यक हड़ताल न करें। किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से ही होगा। हम कर्मचारियों से वार्ता करने को तैयार हैं।’’


इस बीच, हड़ताल के दूसरे दिन आज सामान्य और ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों ने उच्चतम न्यायालय के हाल के उस आदेश के मद्देनजर एक सरकारी आदेश की मांग को लेकरगैरसैंण तक मार्च निकाला जिसमें कहा गया है कि प्रोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।